
गया । 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमण्डल बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु को अपने पांच सूत्री मांग को लेकर वार्ता पत्र सौंपा है । आपको बताते चलें कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बापू भवन परीक्षा केंद्र में आयोजित 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा विभिन्न कारणों से इस समय विवादों से घिरी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षा के दिन हुई गड़बड़ी के कारण कुछ परीक्षार्थी पटना में आंदोलन कर रहे हैं एवं पूरी परीक्षा को रद्द करके दोबारा कराने की माँग कर रहे हैं। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मानना है कि सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं की सूचिता बनाये रखने की जिम्मेदारी आयोग एवं सरकार पर है।अगर एक भी परीक्षार्थी भेदभाव को लेकर सशंकित है तो आयोग संवेदनशील होकर स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए । एबीवीपी ने कहा कि पूरे मामले में ऐसा लग रहा है मानो आयोग एक तानाशाह की तरह एकपक्षीय बयान जारी कर रहा है जिससे अभ्यर्थियों में भ्रम एवं डर की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आयोग एवं सरकार की ही यह जिम्मेवारी है कि परीक्षा को पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनायी जाये साथ ही अभ्यर्थियों को पूरी प्रणाली पर विश्वास भी हो । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस मामले में परीक्षार्थियों के जायज़ माँग के साथ मजबूती से खड़ी है।वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री मंतोष सुमन ने कहा की सरकार और आयोग 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में गड़बड़ी के लिए आयोग छात्रों पर दोषारोपण करना बंद करे एवं छात्रों के खिलाफ दुर्भावना से काम न करे। उन्होंने कहा कि बापू परीक्षा केंद्र की पूरी घटनाक्रम की टाइमलाइन क्रोनॉलिजी में सभी के सामने रखे। आखिर चूक कहाँ हुई स्पष्ट करे साथ ही जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही करके लोगों में संदेश दे। वहीं एबीवीपी के एसएफडी दक्षिण बिहार के संयोजक सूरज सिंह ने कहा कि आयोग यह सुनिश्चित करे कि बापू परीक्षा केंद्र के किसी भी परीक्षार्थी से भेदभाव ना हो। किसी तरह से केंद्र के अभ्यर्थियों के खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित होकर काम ना करे। आयोग परीक्षार्थियों के प्रति संवेदनशील रहे एवं हमेशा उनके पक्ष को समझते हुए अपनी बात आम परीक्षार्थियों में रखे जिससे कम्युनिकेशन गैप ना हो एवं भ्रम की स्थिति पैदा ना हो।वहीं एबीवीपी के छात्रा सह प्रमुख प्रिया कुमारी ने कहा कि छात्रों को किसी भी तरह के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। अभाविप सरकार से यह माँग करती है छात्रों के खिलाफ किसी तरह का बलप्रयोग ना करें। बलप्रयोग करने वाले दोषी अधिकारियों की पहचान करे एवं उसके खिलाफ कार्यवाही करे। और जिस प्रकार पिटाई की गई है वो सरासर गलत है। इसके लिए पुलिस कर्मियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।