गया।भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के छोटे भाई-बहन, महामहिम ग्याल्तशाब जिग्मे दोरजी वांगचुक और महामहिम आशी ईउफेल्मा चोडेन वांगचुक के नेतृत्व में 11 सदस्यीय शाही दल पहुंचे महाबोधि मंदिर जहां शाही आगंतुकों का मुख्य भिक्षु भिक्खु चालिंदा,भिक्खु दीनानंद ओर मनोज के साथ-साथ बीटीएमसी के सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी और सदस्य डॉ. अरविंद सिंह और श्री किरण लामा ने गर्मजोशी ने उनका स्वागत किया। उसके बाद दल ने मंदिर के मुख्य मंदिर में प्रार्थना कर प्रसाद वितरण में भाग लिया तथा दूध चावल, वस्त्र और फूल चढ़ाए। पूजा का संचालन मुख्य भिक्षु भिक्खु चालिंदा ने किया साथ ही भिक्खु दीनानंद और भंते मनोज ने पवित्र ग्रंथों का पाठ किया और शाही दल के लिए त्रिरत्न का आशीर्वाद मांगा। रॉयल भूटान मंदिर के प्रमुख लामा और अन्य लामाओं ने भी शाही दल के लिए प्रार्थना की। प्रतिनिधिमंडल ने मंदिर परिसर के भीतर प्रमुख स्थानों का भी दौरा किया। दौरा के दौरान पवित्र बोधि वृक्ष पहुंचे जहां उन्होंने कुछ समय तक ध्यान किया। वहीं शाही दल ने अतीत में अपने बुजुर्गों की यात्राओं को भी याद किया और अपनी खुशी व्यक्त की साथ ही उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत और भूटान के बीच दोस्ती के बंधन और मजबूत होंगे। महाबोधि मंदिर में शाही दल की यात्रा भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाती है। यात्रा की याद में दल को पवित्र बोधि पत्र और बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के हालिया प्रकाशनों सहित स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।